महिला कल्याण द्वारा संचालित कार्यक्रम एवं योजनाएं
- 1.पति की मृत्युपरान्त निराश्रित महिला पेंशन योजना
पति की मृत्युपरान्त निराश्रित महिलाओं को सहायता प्रदान किये जाने हेतु उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पेंशन योजना व्यवहरित है।
योजनान्तर्गत सभी पात्र महिलाओं को लाभान्वित किया जाता है प्रत्येक लाभार्थी को प्रति माह रू0 1000/— की धनराशि
दी जाती है। नवीन लाभार्थी वेबसाइट https://sspy-up.gov.in पर आवेदन कर सकते हैं
आवेदन हेतु निर्धारित मानक :
आवेदन हेतु निम्न मानक निर्धारित हैं :—
. आवेदिका उ0प्र0 की स्थायी निवासी हो ।
. आवेदिका के पति की मृत्यु हो गयी हो ।
. आवेदिका की आयु 18 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए।
. आवेदिका एंव उसके परिवार की वार्षिक आय सीमा समस्त श्रोतों से रू0 2.00 लाख प्रतिवर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिये।
. आवेदिका को राज्य अथवा केन्द्र सरकार की किसी अन्य योजना से पेंशन न प्राप्त हो रही हो ।
आवेदन पत्र निस्तारण हेतु समयसीमा :
1. जांच के लिये —45 दिन
2— खण्ड विकास अधिकारी/उप जिलाधिकारी/नगर मजिस्ट्रेट—15 दिन
3— जनपदीय अनुश्रवण एंव स्वीकृति समिति—01 माह
4— एन0आई0सी0 से पी0एफ0एम0एस0 द्वारा धनराशि भेजने हेतु—01 माह
उपरोक्त निर्धारित समयावधि में निर्णय लेना अनिवार्य है अन्यथा आवेदन पत्र उपरोक्त
समय सीमा समाप्ति के पश्चात स्वतः अग्रसारित/स्वीकृत हो जायेगा ।
- 2. मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना
प्रदेश मे समान लिंगानुपात स्थापित करने व कन्या भ्रूण हत्या को रोकने , बालिकाओं के स्वास्थ्य व शिक्षा को सुदृढ़ करने,
बालिका के परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान करने तथा बालिका के प्रति आम जन में सकारात्मक सोच विकसित करने हेतु मा0
मुख्यमंत्री जी द्वारा मार्च 2019 में मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना की घोषणा की गई थी। यह योजना 01 अप्रैल 2019 से लागू हो गई है योजना के संचालन हेतु वेब पोर्टल (mksy.up.gov.in)का विकास किया गया है। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना
के अन्तर्गत देय धनराशि पी0एफ0एम0एस0 के माध्यम से बैंक खाते में हस्तान्तरित की जाती है।
पात्रता
1- लाभार्थी का परिवार उत्तर प्रदेश का निवासी हो तथा उसके पास स्थाई निवास प्रमाण पत्र हो, जिसमें राशन कार्ड/आधार
कार्ड/ वोटर पहचान पत्र/विद्युत/ कार्ड/ वोटर पहचान पत्र/विद्युत/ टेलीफोन का बिल मान्य होगा।
2- लाभार्थी की पारिवारिक वार्षिक आय अधिकतम रू0 3.00 लाख हो।
3- किसी परिवार की अधिकतम दो ही बच्चिया को योजना का लाभ मिल सकेगा।
4- लाभार्थी के परिवार मे अधिकतम दो बच्चे हो।
5- किसी महिला को द्वितीय प्रसव में जुड़वा बच्चे होने पर तीसरी सन्तान के रूप में लड़की को भी लाभ अनुमन्य होगा। यदि
किसी महिला पहले प्रसव से बालिका है व द्वितीय प्रसव से दो जुड़वा बालिकाये ही होती हैं तो केवल ऐसे अवस्था में ही तीनों
बालिकाओं को लाभ अनुमन्य होगा ।
6- यदि किसी परिवार ने अनाथ बालिका को गोद ले लिया हो , तो परिवार की जैविक संतानों तथा विधिक रूप मे गोद ले ली गयी
संतानों को सम्मिलित करते हुए अधिकतम दो बालिकायें इस योजना की लाभार्थी होगी ।
लाभ की श्रेणियां
1. बालिका के जन्म होने पर रू0 2000/-एक मुश्त।
2. बालिका के एक वर्ष तक के पूर्ण टीकाकरण के उपरान्त- रू0 1000/-एक मुश्त।
3. कक्षा प्रथम में बालिका के प्रवेश करने के उपरान्त- रू0 2000/-एक मुश्त।
4. कक्षा छः में बालिका के प्रवेश करने के उपरान्त- रू0 2000/-एक मुश्त।
5. कक्षा नौ में बालिका के प्रवेश करने के उपरान्त- रू0 3000/- एक मुश्त।
6. ऐसी बालिका जिन्होने कक्षा 12वीं उतीर्ण करने के उपरान्त स्नातक अथवा 02 वर्षीय या अधिक अवधि
के डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश लिया हो,-को रू0 5000/- एक मुश्त
- 3. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना
योजना का उद्देष्य -
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं योजना (BBBP) महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार की एक फ्लैगषिप योजना है, जिसका मुख्य उद्देश्य भारत में गिरते बाल लिंग अनुपात(CSR) में कमी लाना है साथ ही साथ महिलाओ की शिक्षा, सर्वांगीण विकास एवं सषक्तिकरण से जुड़े मुद्दो का समाधान करना भी है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं योजना का एक प्रमुख अंग जनजागरूकता एवं प्रचार प्रसार सम्बन्धी गतिविधियां है।
योजना का संचालन-
. भारत सरकार द्वारा स्वीकृत 71 जनपद में संचालित ।
. 68 जनपदों में योजना मल्टी सेक्टोरल इंटरवेषन मोड में संचालित है।
. 03 जनपद-बलरामपुर, संतकबीरनगर एवं रामपुर में यह योजना मीड़िया प्रचार-प्रसार, एडवोकेसी एवं आउटरीच मोड में संचालित है।
. 04 जनपद ( हापुड़, शामली, अमेठी, सम्भल ) योजना से आच्छादित नही।
योजना संचालन के मोड-
. 68 जनपदों में योजना मल्टी सेक्टोरल इंटरवेषन मोड में संचालित, जिसके अन्तर्गत निम्न गतिविधियां आयोजित की जाती है -
1. अंतर क्षेत्रीय परामर्श डी0टी0फए0, बी0टी0एफ0 एवं मीड़िया अभियान की बैठके।
2. प्रषिक्षण एवं क्षमतानिर्माण/ज्ञानवर्धक कार्यक्रम।
3. बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिए बालिकाओं व विद्यालयों को पुरस्कृत करना
4. इनोवेषन एवं आउटरीच।
5. आंगनबाडी केंद्रों को आई0ई0सी0 सामग्री/किट वितरण करना।
उक्त समस्त गतिविधियां जनपद स्तर पर जिलाधिकारी एवं जिला प्रोबेषन अधिकारी के माध्यम से संचालित की जाती है। केंद्र द्वारा संचालन हेतु 100 प्रतिषत धनराषि जिलाधिकारी एवं जिला प्रोबेषन अधिकारी के सयुक्त खाते मे सीधे अन्तरित की जाती है।
. 03 जनपदों में यह योजना अलर्ट मीड़िया एडवोकेसाी व आउटरीच मोड में संचालित है, जिसमें प्रचार प्रसार संबंधित गतिविधियों का संचालन सीधे केन्द्र द्वारा किया जाता है।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की गतिविधियां-
. अभिमुखीकरण एवं संवेदीकरण कार्यक्रमों के माध्यम से जिला एवं ब्लाक स्तर के अधिकारियों /कार्मिकों तथा जनसामान्य को महिलाओं संबंधित विभिन्न विषयों के प्रति जागरूक करना जैसे-कन्या जन्मोत्सव कार्यक्रम, शपथ-ग्रहण कार्यक्रम एवं एक दिन की नायिका,
. प्रषिक्षण एवं क्षमतावृद्धन गतिविधियों के माध्यम से फील्ड में कार्यरत कार्मिकों को योजना के विभिन्न विभिन्न घटकों पर प्रषिक्षित करना।
. सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से जन समुदाय में प्रचार-प्रसार गतिविधियों एवं बैठकों के माध्यम से योजना की जानकारी देना जैसे-आशा ए0एन0एम0, सामुदायिक महिलाओं एवं स्वयं सहायता समूह के साथ बैठक।
.सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार-प्रसार जैसे-सेल्फी विथ डॉक्टर, हक की बात, बल्क मैसेजिंग करना।
. स्थानीय स्तर पर चैम्पियन्स का चयन कर उनके माध्यम से से योजना के विषय में जागरूकता लाना जैसे- लोकल चैम्पियन्स का समुदाय की महिलाओं, बालिकाओं के साथ वन-टू-वन सम्पर्क करना।
- 4. उत्तर प्रदेश रानी लक्ष्मी बाई महिला एवं बाल सम्मान कोष
उ0प्र0रानी लक्ष्मीबाई महिला सम्मान कोष
रानी लक्ष्मीबाई महिला सम्मान कोष नियमावली 2015 के अन्तर्गत कोष का उपयोग जघन्य हिंसा की शिकार महिलाओं/बालिकाओं जिन्होंने तात्कालिक आर्थिक और चिकित्सीय राहत सुनिश्चित कराना, पीड़िताओं के भरण पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य, पुर्नरूद्धार के साथ-साथ यदि परिस्थितिवश ऐसा अपेक्षित हो , ऐसी पीड़ितों के अवयस्क बच्चों के भरण-पोषण एवं शिक्षा के लिए भी किये जाने की व्यवस्था है ऐसे दृष्टान्तों में आर्थिक क्षतिपूर्ति और अन्य अनुतोष उपलब्ध होंगे ।
- 5. 181 महिला हेल्पलाइन
181 महिला हेल्पलाइन
भारत सरकार की गाइडलाइन्स के अनुसार यूनिवर्सलाइजेशन आफ वूमेन हेल्पलाइन स्कीम के अन्तर्गत 181 महिला हेल्पलाइन काल सेन्टर का 08 मार्च, 2016 से प्रदेश में संचालन किया जा रहा है, जिसके लिए उक्त योजना के उद्देश्य निम्नवत है:-
. सहायता व सूचना की मांग करने वाले हिंसा से पीड़ित महिलाओं को 24 घंटे टोल फ्री दूरभाष सेवा उपलब्ध कराना।
. उपयुक्त एजेंसियों जैसे पुलिस/अस्पताल/एम्बुलेन्स सेवायें/ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण/संरक्षण अधिकारी/वन स्टाप सेन्टर को रेफरल के माध्यम से संकटकालीन
हस्तक्षेपों को सुगम बनाना।
. हिंसा से पीड़ित महिलाओं को उनकी विशिष्ट परिस्थितियों के अनुरूप एवं उनके निवास या रोजगार के स्थानीय क्षेत्र में उपलब्ध सहायता, सेवाओं, शासकीय योजनाओं व कार्यक्रमो की सूचना उपलब्ध कराना।
181 महिला हेल्पलाइन के संचालन की प्रक्रिया को सरल एवं सुदृढ़ बनाने हेतु सक्षम स्तर पर लिये गये निर्णय के अनुरूप 181 महिला हेल्पलाइन काल सेन्टर को 112 यूपी केन्द्र के साथ इन्टीग्रेट करते हुए संचालित किया जा रहा है। 181 महिला हेल्पलाइन पर आने वाली काल्स पर आपात प्रतिक्रिया हेतु प्रत्येक जनपद में रेस्क्यू वैन 24x7 उपलब्घ कराने हेतु 112-यू0पी0 की 300 पी0आर0वी0 जिसमें 02 महिला पुलिस कर्मी तैनात हैं, का उपयोग किया जा रहा है।
- 6. वन स्टॉप सेंटर
वन स्टॉप सेंटर
भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित वन स्टाप सेंटर का शुभारम्भ 2016-17 में किया गया था। योजना का उद्देश्य हिंसा से पीड़ित समस्त आवश्यक सेवाये जैसे- पीड़ित
महिला को अल्प प्रवास (05 दिवस), चिकित्सीय सहायता, परामर्शी सेवायें, विधिक सहायता इत्यादि एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराया जाना है। वर्तमान में प्रदेश के सभी जनपदों में वन स्टाप सेंटर का संचालन किया जा रहा है। हिंसा से पीड़ित महिला महिलाओं को आवश्यक सेवाएं प्रदान किए जाने हेतु प्रत्येक वन स्टाप सेंटर में प्रशासकीय कार्य हेतु सेन्टर मैनेजर/प्रशासक-1, पीड़िता को परामर्शी सेवायें प्रदान किए जाने हेतु मनोवैज्ञानिक परामर्शदाता-1, चिकित्सीय सेवाओ हेतु पैरामेडिकल नर्स-3, कार्यालय हेतु कम्प्यूटर आपरेटर-सहलिपिक-1 तथा केसवर्कर 02की व्यवस्था की गयी है। इसके अतिरिक्त इमरजेंसी रिस्पांस एंव रेस्क्यु सेवायें, पुलिस विभाग डायल 112, स्वास्थ्य विभाग की डायल 108, 102 से संपर्क करते हुए प्रदान की जाती है तथा पुलिस विभाग से सम्पर्क कर पीड़िता की प्रथम सूचना रिपोर्ट अथवा शिकायत दर्ज करायी जाती है। पीड़ित महिला को न्याय दिलाये जाने हेतु विधिक सेवा प्राधिकरण के इम्पैनल्ड अधिवक्ताओं के माधयम से सहायता प्रदान की जाती है। प्रदेश के समस्त 75 जनपदों में वन स्टाप सेंटर का संचालन किया जा रहा है।
- 7. महिला शक्ति केंद्र
महिला शक्ति केंद्र योजना
योजना का उद्देश्य
महिलाओं से सम्बन्धित विभिन्न मुद्दों जैसे- घरेलू हिंसा, दहेज, शिक्षा, स्वास्थ्य अधिकार, जेंडर, यौन हिंसा, आदि के संबंध में जागरूकता तथा ग्रामीण महिलाओं और किशोरियों को सरकारी योजनाओं से लिंक्ड करना
. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के प्रभावी क्रियान्वयन में सहयोग करना।
योजना का आच्छादन
. भारत सरकार द्वारा स्वीकृत 71 जनपद में संचालित
. 04 जनपद ( हापुड़, शामली, अमेठी, संभल ) योजना से आच्छादित नहीं
योजना के अंग
जिला स्तरीय महिला शक्ति केंद्र (DLCW) प्रत्येक आच्छादित जनपद में जिला स्तरीय महिला शक्ति केंद्र के गठन का प्रावधान है जिसमें 3 कार्मिकों का चयन (01 महिला कल्याण अधिकारी तथा जिला समन्वयक ) का चयन जिलाधिकारी महोदय की अध्यक्षता में गठित समिति के माध्यम से किया जाता है ।
. वर्तमान में महिला शक्ति केंद्र योजना के अंतर्गत जनपद स्तर पर 69 जनपदों में DLCW के अंतर्गत कार्मिकों का चयन किया जा चुका है
. 02 जनपदों (मथुरा, कन्नौज) में महिला शक्ति केंद्र योजना के कार्मिकों का चयन प्रक्रियाधीन है ब्लॉक स्तरीय महिला शक्ति केंद्र प्रदेश के 08 आकांक्षात्मक जनपदों ( फतेहपुर, चित्रकूट, बलरामपुर, बहराइच, चंदौली, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, सोनभद्र) में ब्लॉक स्तर पर वॉलिनटियर के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं में सामाजिक, आर्थिक मुद्दों पर जागरूकता लाना व सरकार की विभिन्न योजनाओं से लिंक्ड करना ।
- 8. वृद्ध महिला आश्रम
वर्तमान में 100 की क्षमता के 2 वृद्ध महिला आश्रमों का संचालन उत्तरप्रदेश महिला कल्याण निगम द्वारा स्वैच्छिक संगठनों के माध्यम से जनपद अयोध्या एवं मिर्जापुर में किया जा रहा है।
- 9.राजकीय महिला शरणालय / संरक्षण गृह
राजकीय महिला शरणालय/संरक्षण गृह
महिला कल्याण विभाग के अंतर्गत महिलाओं की सुरक्षा एवं संरक्षण हेतु प्रदेश में राजकीय महिला शरणालय/ संरक्षण का संचालन किया जा रहा है जिसमें भारतीय दंड संहिता में वांछित साक्ष्य हेतु प्रस्तुत की जाने वाली पीड़ित महिलाओं, घरेलू हिंसा संरक्षण अधिनियम, 2005 के अंतर्गत पीड़ित महिलाओं, भटकी हुई नैतिक संकट से ग्रसित संरक्षण की आवश्यकता वाली एवं जरूरतमंद महिलाओं को रखे जाने का प्राविधान है ।
शरणालयों/संरक्षण गृहों में निवासरत महिलाओं को नि:शुल्क स्वास्थ्य, शिक्षा, वस्त्र, विस्तर भरण-पोषण, कौशल विकास प्रशिक्षण आदि की व्यवस्था है । वर्तमान में यह प्रदेश के 12 जनपदों यथा आगरा, गोरखपुर, मथुरा, इटावा, वाराणसी, अयोध्या, मुरादाबाद, मेरठ, लखनऊ, प्रयागराज, बरेली एवं कानपुर नगर में संचालित है जिसमें से आगरा में राजकीय संरक्षण गृह एवं बरेली में एक मानसिक मंदित प्रकोष्ठ का भी संचालन किया जा रहा है, इन गृहों की कुल क्षमता 725 संवासिनियों की है ।
- 10. स्वाधार योजना
स्वाधार गृह
स्वाधार योजनान्तर्गत ऐसी महिलाओं जो आश्रय विहीन एवं सामाजिक तथा आर्थिक रूप में विहीन, दैवीय आपदा से पीड़ित पूर्व महिला बंदी, घरेलू हिंसा से पीड़ित तथा परिवार से निकाली गयी ऐसी महिलाओं जिनके पास रहने एवं आय स्त्रोत का कोई साधन नहीं है को स्वाधार गृह में रखे जाने की व्यवस्था है जहां उन्हें और यदि उनके साथ बच्चे भी हैं को नि:शुल्क भोजन, वस्त्र, बिस्तर, वोकेशनल ट्रेंनिंग, चिकित्सा सुविधा तथा कानूनी सहायता उपलब्ध करायी जाती है वर्तमान में यह प्रदेश के 11 जनपदों में कुल 14 स्वाधार संचालित किया जा रहा है ।
- 11. उज्जवला योजना
उज्जवला योजना
उज्ज्वला योजनान्तर्गत वेश्यावृत्ति से पीड़ित महिलाओं एवं बालिकाओं को जो जबरन इस पेशे से जोड़ी गयी है, उन्हें सक्षम प्राधिकारी अथवा संस्था द्वारा स्थानीय पुलिस प्रशासन के सहयोग से संस्था में रखे जाने की व्यवस्था है जहां उन्हें और यदि उनके साथ बच्चे भी हैं, को नि:शुल्क भोजन, वस्त्र, बिस्तर, वोकेशनल ट्रेनिंग, चिकित्सा सुविधा तथा कानूनी सहायता उपलब्ध करायी जाती है । यह प्रदेश के 02 जनपदों में संचालित की जा रही है ।
प्रदेश में संचालित स्वैच्छिक संगठनों द्वारा उज्जवला योजना का विवरण ।
1. प्रगति सेवा संस्थान कानपुर नगर
2. लोक सेवा एवं ग्रामीण प्रौद्योगिकी संस्थान
- 12. 35 वर्ष से कम आयु की पति की मृत्युपरान्त निराश्रित महिला से विवाह करने पर दम्पत्ति को पुरस्कार
पति की मृत्युपरान्त निराश्रित महिला से पुनर्विवाह करने पर दम्पत्ति को पुरस्कार योजना के अन्तर्गत निराश्रित महिलायें
जिनके पति की मृत्यु हो गयी हो, से पुनर्विवाह करने पर दम्पत्ति को पुरस्कृत किये जाने की योजना संचालित है, बशर्ते
की वह आयकर दाता न हो । दम्पत्ति को विवाह से एक वर्ष के अन्दर अनुदान प्राप्त करने हेतु प्रार्थनापत्र जिला परिवीक्षा
अधिकारी के कार्यालय में जमा करना होता है एंव जिलाधिकारी की स्वीकृति के उपरान्त दम्पत्ति को रू0 11000/— का
पुरस्कार दिया जाता है ।
- 13. पति की मृत्युपरान्त निराश्रित महिला की पुत्री से विवाह हेतु अनुदान योजना
पति की मृत्युपरान्त निराश्रित महिला पेंशन प्राप्त कर रही महिलाओं की पुत्रियों के विवाह हेतु एकमुश्त रू0 10000/— की वित्तीय
सहायता प्रदान की जाती है।
- 14. दहेज से पीडित महिलाओं को आर्थिक सहायता योजना
गरीबी की रेखा के नीचे निवासरत दहेज से पीडित महिला जोे किसी अन्य विभाग से सहायता प्राप्त न कर रही हो,
उत्पीडन की प्राथमिकी थाने में दर्ज करा चुकी हो अथवा न्यायालय में जिसका वाद विचाराधीन हो, जिला परिवीक्षा
अधिकारी, जो जिला दहेज प्रतिषेध अधिकारी भी नामित हैं, के कार्यालय से सहायता प्राप्त कर सकती है। आवेदन पत्र
पर जिलाधिकारी की स्वीकृति के उपरान्त पात्र महिला को रू0 125/— प्रतिमाह की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
- 15. दहेज से पीडित महिलाओं को कानूनी सहायता योजना
दहेज से पीड़ित महिलाओं को कानूनी सहायता
दहेज से पीड़ित ऐसी परियक्त महिलाओं को, जिन्हें अन्य विभाग द्वारा सहायता प्राप्त न हो रही हो, अपने भरण-पोषण कोई स्रोत न हो तथा गरीबी की रेखा से नीचे जीवनयापन कर रही हो, को जिला परिवीक्षा अधिकारी, जो जिला प्रतिषेध अधिकारी भी नामित है, के कार्यालय में सहायता हेतु आवेदन पत्र देना होता है एवं जिलाधिकारी की स्वीकृति के उपरान्त ऐसी उत्पीड़ित महिला को मुकदमें की पैरवी हेतु रु० 2500/- की एक मुफ्त सहायता प्रदान की जाती है
- 16. श्रमजीवी महिला छात्रावास योजना
श्रमजीवी महिला छात्रावास
प्रदेश में कामकाजी महिलाओं एवं उनके बच्चों को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराये जाने हेतु भारत सरकार के सहयोग से निर्मित 10 श्रमजीवी महिला छात्रावासों का संचालन किया जा रहा है ।
- 17. निराश्रित महिलाओं के लिए 1000 बेड का कृष्णा कुटीर आश्रय सदन
कृष्णा कुटीर
वृन्दावन मथुरा में निराश्रित महिलाओं हेतु 1000 बेड की क्षमता के कृष्णा कुटीर आश्रय सदन का संचालन भारत सरकार एवं राज्य सरकार के सहयोग से किया जा रहा है जहां निराश्रित महिलाओं नि:शुल्क भोजन, वस्त्र एवं आवासीय सुविधा उपलब्ध करायी जाती है ।